दोस्तों Why market is falling (शेयर मार्किट क्यों गिर रहा है) सेंसेक्स आज 0.78 फीसदी गिरकर 81050.00 अंकों पर बंद हुआ। यानी 638.45 अंकों की गिरावट हुई और अगर निफ्टी को भी देखें तो 0.87 फीसदी लुढ़कर 24795.75 अंकों पर आ गया यानी निफ्टी में भी 218.85 अंक की गिरावट हुई। भारतीय शेयर बाजार में पिछले कई कारोबारी सत्रों से गिरावट का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा। अगर वहीं दुनियाभर के बाजारों में तेजी देखने को मिल रही है। आइए जानते हैं कि विदेशी बाजारों में तेजी के बीच भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट की क्या वजह क्या है।
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इजराइल और ईरान में तनाव की वजह से निवेशक डरे हुए हैं।
इजरायल और ईरान के बीच बढे हुए तनाव को देखकर शेयर निवेशक डरे हुए हैं, क्योंकि इंडिया का इजरायल और ईरान से गहरा बिज़नेस नाता है। साथ ही, विदेशी निवेशक (FII) भारतीय शेयर मार्किट में जमकर हिस्सेदारी कर रहे हैं। अब उनकी नजर चीन के स्टॉक मार्केट पर है, जो अब काफी आकर्षित करने वाला बन गया है। पिछले दिनों चीन ने अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए और मौजूदा संकट से उभारने के लिए वित्तीय सहायता का एलान किया था, जिसके बाद वहां के मार्केट में चमक आ गई।
जम्मू कश्मीर और हरियाणा के एग्जिट पोल की वजह
जम्मू कश्मीर और हरियाणा के एग्जिट पोल की वजह बता रहे हैं कि केंद्र में शासन करने वाली पार्टी बीजेपी की पोजीशन दोनों जगह ही खराब है। जम्मू-कश्मीर में वह सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है। अगर वहीं, हरियाणा की बात करें तो 10 साल बाद बीजेपी के हाथ से सत्ता निकलने की सम्भावना है। इससे पूरी स्टॉक मार्केट में ये मैसेज जा रहा है कि बीजेपी पूर्ण रूप से कमजोर हो चुकी है। इसका कारण केंद्र सरकार की गलत नीतिगत फैसलों की वजह से है।
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क्रूड ऑयल का भाव में तेजी का आना
इंडिया पहले से महंगाई से बुरी तरह जूझ रहा है। क्रूड ऑयल सस्ता होने से पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम होने की कुछ कुछ सम्भावना हुई थी। लेकिन, मध्य पूर्व में मौजूदा तनाव के चलते क्रूड ऑयल फिर दोबारा से 79 डॉलर के करीब पहुंच गया है। पिछले पांच दिनों के दौरान क्रूड की कीमतों में करीब 11 फीसदी तेजी आई है। इसका भारत और चीन समेत उन देशों पर पड़ेगा, जो कच्चे तेल के आयात पर ज्यादा निर्भर रहते हैं। यहां पर महंगाई बढ़ने का भी खतरा रहेगा।
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आरबीआई से ब्याज दरों में कटौती की कोई सम्भावना नहीं
जहां तक अगर अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने पिछले ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की भारी कटौती की थी। इससे उम्मीद जगी है कि आरबीआई भी ब्याज दरें कम करके आम जनता को राहत देना चाहे तो दे सकता है। आरबीआई की मौद्रिक नीति की बैठक आज से शुरू भी हो चुकी है। लेकिन, अब यह तय है कि केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कटौती नहीं करेगा, क्योंकि उसका फोकस फिलहाल महंगाई कम करने पर है। जिसकी वजह से सारे का सारा शेयर मार्केट कमजोर हुआ है।
नोट : अब बात ये है की अगर हरयाणा में बीजेपी जीत जाती है, तो बीजेपी का कद ऊँचा हो जायेगा और शेयर बाजार में तेज़ी आ सकती है।